त्रिपक्षीय संघर्ष के क्या कारण थे? इसका भारत पर क्या प्रभाव पड़ा? (What were the reasons for the trilateral conflict)

त्रिपक्षीय संघर्ष- हेल्लो गाइज हमारी वेबसाइट  Ndk education में आप सभी लोगों का स्वागत है, आज की आर्टिकल में हम त्रिपक्षीय संघर्ष क्या है! इसके बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे !
त्रिपक्षीय संघर्ष के क्या कारण थे? इसका भारत पर क्या प्रभाव पड़ा?
त्रिपक्षीय संघर्ष


त्रिपक्षीय संघर्ष
गुर्जरप्रतिहार :
गुर्जरप्रतिहार  स्वयं को लक्ष्मण भगवान के वंश मानते हैं !
प्रतिहार का शाब्दिक अर्थ :- द्वारपाल 
हरिश्चंद्र (आदि पुरु) :- संस्थापक 
नागभट्ट-1 
इसने अरबों को सिंध से आगे बढ़ने नहीं दिया !
यह जानकारी ग्वालियर अभिलेख से मिलती हैं !                              ⬇️
                 जानकारी स्त्रोत  :-नागभट्ट
वत्सराज :-
इसके समय त्रिपक्षीय संघर्ष आराम हो गया था !
इसने पाल शासक धर्मपाल को पराजित किया, लेकिन स्वयं राष्ट्कूट  शासक ध्रुव से पराजित हुआ !

नागभट्ट-2 :-
नागभट्ट-2 v/s धर्मपाल 
नागभट्ट-2 v/s गोविन्द-3 

मिहिरभोज :-
यह एक विद्वान शासक था !

उपाधि :-
आदिवराह
प्रभास
 इसके समय अरब यात्री सुलेमान ने भरत की यात्रा की ! सुलेमान ने मिहिरभोज को अरवों का स्वाभविक शत्रु (मलेच्छों का नाशक) बताया है !
मिहिरभोज v/s देवपाल
 मिहिरभोज v/s नारायणपाल

महेन्द्रपाल :-
गुरू :- राजशेखर 

राजशेखर कई पुस्तकें की राचना की है !

  1. काव्य मिमांसा 
  2. विशाल भज्जिका 
  3. कर्पूर मज्जिका 
  4. हरविलास 
  5. बाल रामायण 


महिपाल :-
महिपाल v/s  इन्द्र-3 (राष्ट्कूट)
महिपाल v/s कृष्ण-3 (राष्ट्कूट)
कृष्ण-3 ने कनौज को तहस नहस कर दिया था !
अरब यात्री अल-मसूदी ने भरत की यात्रा की ! तथा राष्ट्कूटों को सबसे शक्तिशाली बताया !

राजयपाल :-
गजनवी ने इसे पराजित किया !

यशपाल :- अंतिम शासक 

राष्ट्कूट :-
संस्थाक :- दन्तिदुर्ग 
राज्यधानी :- मान्यखेत 

कृष्ण-1 
इसने एरोला के प्रसिद्ध कैलाश मंदिर का निर्माण करवाया !
यह एकाश्मक पत्थर से निर्मित मंदिर है !
इस पहाड़ को तराश कर मंदिर बनाया गया !
नोट :-
एरोला में 34 गुफाएँ हैं !
गुफाओं का निर्माण राष्ट्कूट शासको ने करवाया है !
इन गुफाओं में हिन्दू , बौद्ध ,एवं जैन धर्म से सम्बंधित चित्र हैं !

ध्रुव :- 
उपाधि : धारावर्ष

अमोधवर्ष
इसने कई विद्वानों को संरक्षण दिया !
यह स्वयं एक विद्वान शासक थे !
इसकी पुस्तक :-  कविरजमार्ग

त्रिपक्षीय संघर्ष के क्या कारण थे? इसका भारत पर क्या प्रभाव पड़ा?
त्रिपक्षीय संघर्ष

दरबारी :-
जिनसेन  ➝पुस्तक ➝ आदिपुराण
सक्तायान ➝पुस्तक ➝अमोधवृत्ति
महावीराचार्य ➝पुस्तक ➝गणितसारग्रह
अरब यात्री सुलेमान ने अमोधवर्ष को विश्व के चार प्रसिद्ध शासकों में से एक बताया !

इन्द्र-3 :-
अरब यात्री अल-मसूदी ने इसे भारत का सबसे शक्तिशाली शासक बताया !

कृष्ण-3 :-
तक्कोलम का युद्ध
कृष्ण-3 v/s प्रान्तक-1 (चोल)

पाल वंश :-
संस्थपक :- गोपाल
जनता ने इसका चयन किया था !

धर्मपाल :-
इस वंश का सबसे महान शासक धर्मपाल था !
इसने विक्रमशिला विश्वविद्यालय का निर्माण करवाया !

क़ुतुबबख्तियार :- 
नोट :
कुतुबुद्दीन बख्तियार ने इसे जलाकर नष्ट कर दिया था !

देवपाल, नारायणपाल, महिपाल
इसे पाल वश का दूसरा संस्थापक कहा जाता है !

पाल वंश अंतिम वंश था, जिन्होंने बौद्ध धर्म को संरक्षण दिया था  !

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त्रिपक्षीय संघर्ष 6 चरणों में चला !

प्रथम चरण :-
वत्सराज v/s धर्मपाल
वत्सराज v/s ध्रुव

दूसरा चरण :-
नागभट्ट-2 v/s धर्मपाल
नागभट्ट-2 v/s गोविन्द-3

तीसरा चरण :-
तीसरे और चौथे चरण में राष्ट्कूट  शासकों ने भग नहीं लिया !
मिहिरभोज v/s देवदास

चौथा चरण :-
मिहिरभोज v/s नारायणपाल

पांचवां चरण :-
पांचवें और छठे चरण में पाल शासकों ने भाग नहीं लिया !
महिपाल v/s इंद्र-3

छठा चरण :-
महिपाल v/s कृष्ण-3

राष्ट्कूट शासक इस संघर्ष में एक बार भी पराजित नहीं हुए !
अंततः गुर्जर प्रतिहारों ने कन्नौज पर अधिकार कर लिया था !


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WRITTEN BY NDK EDUCATUION 

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