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Indus valley civilization,Indus valley of civilization
सिंधु घाटी/हड़प्पा सभ्यता-हेल्लो गाइज हमारी वेबसाइट Ndk education में आप सभी लोगों का स्वागत है, आज की आर्टिकल में हम सिंधु घाटी/हड़प्पा सभ्यता क्या है ! इसके बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे !
सिंधु घाटी/हड़प्पा सभ्यता
सिंधु घाटी सभ्यता का बिस्तार :-
सिंधु घाटी सभ्यता काल:-(2600BC-1900BC) According to new NCERT
काल:-(3250BC-2750BC)सारगोन अभिलेख के अनुसार ये अफगानिस्तान के थे !
हड़प्पा सभ्यता सिंधु घाटी सभ्यता के नाम से जाना जाता है, सर जॉन मार्शल ने हड़प्पा सभ्यता का नाम सिंधु घाटी रखा है, क्यूंकि आरंभिक सभी स्थल सिंधु नदी एवं उसकी सहायक नदियों के किनारों पर स्थित थे !
विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में एक है !
मेसोपोटामिया की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यता है !
सिंधु घाटी सभ्यता एक शहरी सभ्यता थी !1826 में चार्ल्स मेसन ने सर्वप्रथम इस सभ्यता की तरफ ध्यान दिया !
1856 ई में जॉन वर्टन एवं बिलियम वर्टन 2 भाइयों ने लाहौर से क्रांची के मध्य रेलवे लाइन बिछाते समय हड़प्पा की ईटों का प्रयोग किया था !
1856 ई में एलेक्जेन्डर कनिंघम ने हड़प्पा का सर्वे किया, यह भारतीय पुरातत्व विभाग का जनक भी था!
1921 ई में भारतीय पुरातत्व विभाग के निर्देशक सर जॉन मार्शल के निर्देशन में राय बहादुर दया राम साहनी ने हड़प्पा का खोज किया !
Q.सिंधु घाटी/ हड़प्पा सभ्यता का दूसरा पार्ट ?
1922 ई में राखल दास बनर्जी ने मोहनजोदड़ों की खोज किया !इतिहासकार पिग्गट ने मोहनजोदड़ों एवं हड़प्पा को सिंधु सभ्यता की जुड़वा राजधानी कहा है !
राजनितिक स्थिति:-
सिंधु सभ्यता की लिपि को पढ़ने में सफलता नहीं मिली है! इसलिए जानकारी का अभाव है, संभव्यता पुरोहित वर्ग के पास सत्ता रही होगी!
सामाजिक स्थिति :- मातृसत्तात्मक संयुक्त परिवार रहे होंगे !यहाँ से बड़ी मात्रा में मातृदेवियों की मूर्तियां प्राप्त होती है! सिंधु सभ्यता के लोग शांतिप्रिये लोग थे, क्यूँकि यहाँ बहुत कम मात्रा में हथियार मिलते हैं! लोग शाकाहारी एवं माँसाहारी थे!यहाँ से युग्मित शवाधान प्राप्त होते हैं!
एक स्थान पर कुत्ते को व्यक्ति के साथ दफ़नाने साक्ष्य मिले हैं!
शवाधान तीन प्रकार के होते हैं !
(1) जलाना
(2) दफ़नाना
(3) आंशिक शवाधान
आर्थिक स्थिति :-कृषि आधारित अर्थव्यवस्था थी!कृषि उन्नत अवस्था में थी!
प्रमुख्य फसलें :-गेहूँ ,जौ ,मटर ,चना ,सरसो ,एवं रागीबाजरे के साक्ष्य कम मिलते हैं? हड़प्पा काल में चावल की खेती के साक्ष्य मिलते हैं!
लोथल में चावल के साक्ष्य मिलते हैं!रंगपुर से चावल की भूसी के साक्ष्य मिलते हैं!सिंचाही है तू नहर के साक्ष्य मिलते हैं!
सिंधु घाटी सभ्यता काल:-(2600BC-1900BC) According to new NCERT
काल:-(3250BC-2750BC)सारगोन अभिलेख के अनुसार ये अफगानिस्तान के थे !
हड़प्पा सभ्यता सिंधु घाटी सभ्यता के नाम से जाना जाता है, सर जॉन मार्शल ने हड़प्पा सभ्यता का नाम सिंधु घाटी रखा है, क्यूंकि आरंभिक सभी स्थल सिंधु नदी एवं उसकी सहायक नदियों के किनारों पर स्थित थे !
विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में एक है !
विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में एक है !
1856 ई में जॉन वर्टन एवं बिलियम वर्टन 2 भाइयों ने लाहौर से क्रांची के मध्य रेलवे लाइन बिछाते समय हड़प्पा की ईटों का प्रयोग किया था !
Q.सिंधु घाटी/ हड़प्पा सभ्यता का दूसरा पार्ट ?
1922 ई में राखल दास बनर्जी ने मोहनजोदड़ों की खोज किया !
इतिहासकार पिग्गट ने मोहनजोदड़ों एवं हड़प्पा को सिंधु सभ्यता की जुड़वा राजधानी कहा है !
राजनितिक स्थिति:-
सिंधु सभ्यता की लिपि को पढ़ने में सफलता नहीं मिली है! इसलिए जानकारी का अभाव है, संभव्यता पुरोहित वर्ग के पास सत्ता रही होगी!
सिंधु सभ्यता की लिपि को पढ़ने में सफलता नहीं मिली है! इसलिए जानकारी का अभाव है, संभव्यता पुरोहित वर्ग के पास सत्ता रही होगी!
सामाजिक स्थिति :-
मातृसत्तात्मक संयुक्त परिवार रहे होंगे !यहाँ से बड़ी मात्रा में मातृदेवियों की मूर्तियां प्राप्त होती है!
सिंधु सभ्यता के लोग शांतिप्रिये लोग थे, क्यूँकि यहाँ बहुत कम मात्रा में हथियार मिलते हैं!
लोग शाकाहारी एवं माँसाहारी थे!
यहाँ से युग्मित शवाधान प्राप्त होते हैं! एक स्थान पर कुत्ते को व्यक्ति के साथ दफ़नाने साक्ष्य मिले हैं!
शवाधान तीन प्रकार के होते हैं !
(1) जलाना
(2) दफ़नाना
(3) आंशिक शवाधान
(1) जलाना
(2) दफ़नाना
(3) आंशिक शवाधान
आर्थिक स्थिति :-
कृषि आधारित अर्थव्यवस्था थी!कृषि उन्नत अवस्था में थी!
प्रमुख्य फसलें :-
गेहूँ ,जौ ,मटर ,चना ,सरसो ,एवं रागीबाजरे के साक्ष्य कम मिलते हैं?
हड़प्पा काल में चावल की खेती के साक्ष्य मिलते हैं!
लोथल में चावल के साक्ष्य मिलते हैं!
रंगपुर से चावल की भूसी के साक्ष्य मिलते हैं!
सिंचाही है तू नहर के साक्ष्य मिलते हैं!
Q.सिंधु घाटी/ हड़प्पा सभ्यता दूसरा पार्ट ?
नगर योजना :-
यह एक शहरी सभ्यता थी! यह उत्कृष्ट नगर नियोजन एवं जल निकासी व्यवस्था के लिए प्रसिद्ध है!सभी नगर शतरंज बोर्ड के समान बसे हुए हैं! सभी सड़के एक दूसरे के समकोण पर कटती है!
घरों के दरबाजे मुख्य मार्ग पर नहीं खुलते थे!दो मंजिला इमारत बनाई जाती थी,अर्थात सीढ़ियाँ बनाने का ज्ञान था!प्रत्येक घर में तीन या चार कच्छ रसोई खुला छेत्र, आदि होते थे!
कुछ घरों में कुँए भी होते थे!25 व 30 कमरों वालों समुदायक भवन भी मिलते थे!उत्कृष्ट जल निकासी व्यवस्था थी, सभी नालियो को ईटों से ढता जाता था!सफाई हेतु मुख्य मार्ग पर बड़े हौल थे!
कच्ची एवं पक्की ईटों का प्रयोग करते थे!नगर दो भागो में विभक्त होते थे !पूर्वी भाग में जन सामान्य रहता था, तथा पश्चिमी भाग एक ऊँचे टिले पर निर्मित होता था, जिससे दुर्गीकृत किया जाता था !ईटों का साइज 4:2:1 होती है!
उद्योग :-
इस सभ्यता के लोग ताँबा एवं टिन मिलाकर काँसे का निर्माण करते थे !यह सभ्यता कांस्ययुगीन सभ्यता थी !सोने एवं चाँदी से परिचित थे !लोहे से परिचित नहीं थे !मनके बनाने के कारखने मिलते हैं !ईटों के निर्माण है तो भट्टे भी मिलते थे !
धार्मिक स्थिति :-बहुदेववाद में विशवास रखते थे !मातृदेवियों देवताओ की पूजा करते थे !हालाँकि मातृदेवियों की मूर्तियाँ अधिक मात्रा में मिलते थे !मोहनजोदड़ों से एक मुहर मिलती है जिसपर देवता का अंकन सर जॉन मार्शल ने इससे पशुपतिनाथ कहा है !हवन कुंड के साक्ष्य मिलते हैं !
यज्ञ अनुष्ठान करते थे !जादु टोने व टोटके में विशवास करते थे !योग करते थे !वृक्ष पूजा, लिंग पूजा, योनि पूजा करते थे!
गाइज हमने सिंधु घाटी/हड़प्पा सभ्यताके बारे में जो भी जानकारी दिया हूँ ! यह इनफार्मेशन आप लोगों के साथ शेयर किया हूँ ! अगर यह आर्टिकल आपको अच्छा लगे, तो इसे आप सोशल मिडिया और अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें ! ताकि उसे भी सिंधु घाटी/हड़प्पा सभ्यता के बारे में जानकारी प्राप्त हो सकें ! यह आर्टिकल आपको कैसा लगा आप कॉमेंट जरूर करें, इस आर्टिकल से सम्बंधित कोई भी सवाल (प्रश्न) है, तो आप कॉमेंट में पूछ सकते हैं, या इससे सम्बंधित कोइ सुझाव है, तो आप हमें कॉमेंट या मेल कर सकते हैं !
आर्टिकल पढ़ने के लिए धन्यबाद
सिंधु घाटी/हड़प्पा सभ्यता लास्ट
पार्ट 2 जरूर देखें --------
WRITTEN BY DK EDUCATUION
नगर योजना :-
यह एक शहरी सभ्यता थी!
यह एक शहरी सभ्यता थी!
यह उत्कृष्ट नगर नियोजन एवं जल निकासी
व्यवस्था के लिए प्रसिद्ध है!
सभी नगर शतरंज बोर्ड के समान बसे हुए हैं! सभी सड़के एक दूसरे के समकोण पर कटती है!
घरों के दरबाजे मुख्य मार्ग पर नहीं खुलते थे!
दो मंजिला इमारत बनाई जाती थी,अर्थात सीढ़ियाँ बनाने का ज्ञान था!
प्रत्येक घर में तीन या चार कच्छ रसोई खुला छेत्र, आदि होते थे!
कुछ घरों में कुँए भी होते थे!
25 व 30 कमरों वालों समुदायक भवन भी मिलते थे!
उत्कृष्ट जल निकासी व्यवस्था थी, सभी नालियो को ईटों से ढता जाता था!
सफाई हेतु मुख्य मार्ग पर बड़े हौल थे!
कच्ची एवं पक्की ईटों का प्रयोग करते थे!
नगर दो भागो में विभक्त होते थे !
पूर्वी भाग में जन सामान्य रहता था, तथा पश्चिमी भाग एक ऊँचे टिले पर निर्मित होता था, जिससे दुर्गीकृत किया जाता था !
ईटों का साइज 4:2:1 होती है!
उद्योग :-
इस सभ्यता के लोग ताँबा एवं टिन मिलाकर काँसे का निर्माण करते थे !
उद्योग :-
इस सभ्यता के लोग ताँबा एवं टिन मिलाकर काँसे का निर्माण करते थे !
यह सभ्यता कांस्ययुगीन सभ्यता थी !
सोने एवं चाँदी से परिचित थे !
लोहे से परिचित नहीं थे !
मनके बनाने के कारखने मिलते हैं !
ईटों के निर्माण है तो भट्टे भी मिलते थे !
धार्मिक स्थिति :-
बहुदेववाद में विशवास रखते थे !मातृदेवियों देवताओ की पूजा करते थे !
हालाँकि मातृदेवियों की मूर्तियाँ अधिक मात्रा में मिलते थे !
मोहनजोदड़ों से एक मुहर मिलती है जिसपर देवता का अंकन सर जॉन मार्शल ने इससे पशुपतिनाथ कहा है !
हवन कुंड के साक्ष्य मिलते हैं !
यज्ञ अनुष्ठान करते थे !
जादु टोने व टोटके में विशवास करते थे !
योग करते थे !
वृक्ष पूजा, लिंग पूजा, योनि पूजा करते थे!
आर्टिकल पढ़ने के लिए धन्यबाद
सिंधु घाटी/हड़प्पा सभ्यता लास्ट
पार्ट 2 जरूर देखें --------
WRITTEN BY DK EDUCATUION
4 Comments
Jgb
ReplyDeletePost kro jldi kese kamaya jata hi
ReplyDeletePost kro jldi kese kamaya jata hi
ReplyDeleteGood morning do education
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