दोस्तों सिंधु घाटी/ हड़प्पा सभ्यता का लास्ट दूसरा पार्ट में आपका स्वागत है !
सिंधु घाटी/ हड़प्पा सभ्यता का दूसरा पार्ट-हेल्लो गाइज हमारी वेबसाइट Ndk education में आप सभी लोगों का स्वागत है, आज की आर्टिकल में हम महाजनपद काल क्या है ! इसके बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे !
मोहनजोदड़ो :-
मोहनजोदड़ो |
पाकिस्तान के सिंध के लरकाना जिले में सिंधु नदी के तट
सर्वप्रथम 1921 ई में रायबहादुर दयाराम साहनी ने हड़प्पा नामक स्थान पर इसके अवशेषो की खोज की , अतः इस सभ्यता का नाम हड़प्पा सभ्यता पड़ा !
1922-23 ई में मोहनजोदड़ों में उत्खनन कार्य राखल दास बनर्जी ने किया ! यह हड़प्पा सभ्यता का ज्ञात सबसे वृहद स्थल है !
यहाँ से एक विशाल अन्नागार प्राप्त होता है।
यहाँ से विशाल स्नानागार मिलता है।
सर जॉन मार्शल ने कहा कि स्नानागार को दुनिया की आश्चर्यजना इमारत कहा है।
इस स्नानागार के उत्तर दिशा में कम कक्ष बने हुए हैं, तथा तीनो तरफ बरामदे बने हुए है।
उत्तर और दक्षिण दिशा में सीढियाँ बनी हुई है।
स्नानागार के तल को बिटुमिनस से लैप किया गया है।
स्नानागार के पास से कुआँ भी प्राप्त होता है।
इस स्नानागार का उपयोग सामूहिक अनुष्ठानों में किया जा रहा होगा !
आकार :- 39×23×8
यहाँ से विशाल सामूदायित भवन प्राप्त होता है।
यहाँ से पुरोहित राजा की मुर्ति प्राप्त होती है।
यह ध्यान की अवस्था में है।
इसने एक सॉल ओढ़ रखी है जिसपर सुन्दर कसीदाकारी की गई है।
धातु की नर्तकी की मूर्ति प्राप्त होती है।
यह नग्न अवस्था में है, एवं एक हाथ में उपर तक चूडियाँ पटनी हुई है, दूसरा हाथ खाली है।
यहाँ से हाथी का कपाल खण्ड मिलता है।
यहाँ से सूती वस्त्र के साक्ष्य मिलते हैं।
यहाँ से मेसोपोटामिया की मुहर प्राप्त होती है।
यहाँ शहद सात स्तर पर मिलता है।
हड़प्पा :-
हड़प्पा |
पाक के पंजाब में मोंटगोमरी जिले में,
वर्त्तमान में शाहीलवाल जिले में,
रावी नदी के तट
खोजकर्ता :-
दयाराम साहनी
रावी नदी के तट 12 अन्नागार मिलते हैं, यह 6 -6 दो लायन है !
R-37 नामक कब्रिस्तान मिलते हैं !
यहां पर एक विदेशी की कब्र मिलती है उसे ताबूत में दफनाया गया है !
यहां से एक इक्कागारी मिलती है !
स्वस्तिक का निशान मिलता है !
यहाँ से श्रृंगार पेटिका मिलता है !
कालीबंगा :-
कालीबंगा |
खोजकर्ता :-
अमलानंद घोष
उत्खनन :-
बी.बी.लाल और बी.क.धापर
यहाँ पर बडी मात्रा में काली चूड़ियाँ मिलती है ! (इसलिए इसका नाम कालीबंगा रखा गया)
यहां से जोते हुए खेतों के साक्ष्य मिले हैं !
यहां नाली वयवस्था नहीं है !
यहाँ कच्ची ईटों का प्रयोग किया गया है !
यहाँ से अलकृत ईंट मिलती है !
यहाँ से लकड़ी की नाली के साक्ष्य मिलते हैं !
ये जादु टोने में विश्वास करते थे !
बलि प्रथा के साक्ष्य मिलते थे !
एक युग्मित शवाधान मिलता है !
र्जरी (शल्य चिकित्सा) के स साक्ष्य मिलते हैं,एक खोपड़ी में 6 छेद मिलते हैं!
लोथल :-
गुजरात में भोगवा नदी के किनारे
खोजकर्ता :-
रंगाव राव
यह एक व्यापारिक नगर था। !
यहाँ से एक गोदिवारड़ा (डॉकयार्ड) मिलता है!
यह सिन्धु सभ्यता की सबसे बड़ी कृति है!
मनके बनाने का कारखाना !
यहाँ से फारस की मुहर प्राप्त होता है।
चावल के साक्ष्य मिलते थे !
घरों के दरवाजे मुख्य सड़क पर खुलते थे!
चक्की के दोनों पाट मिलते हैं !
धोलावीरा :-
स्थिति :-
गुजरात
खोजकर्ता :-
रवीन्द्र सिंह बिष्ठ
यह किसी नदी के किनारे नहीं है ! यह नगर 3 भागों में बाँटा हुआ है !
(1 ) पूर्वी
(2 ) मध्य
(3 ) पश्चिमी
यहाँ से 16 कृत्रिम जलाशयों की साक्ष्य मिलतते है!
यहाँ पर 8 स्टेडियम मिलता है!
सूचना पट्ट मिलता है। (पॉलिस युक्त बोर्ड )
पुन्हुदडो :-
स्थिति :-
पाकिस्तान
यह एक औधोगिक नगरी थी !
दिमाग बनाने में कारखाने मिलते हैं!
बिल्ली का पीछा करते हुए कुल्ले का साक्ष्य !
खोजकर्ता :-
N.G. मजूमदार (डाकुओं ने उनकी हत्या कर दी थी!)
सुरकोटड़ा /सुरकोटदा (गुजरात ):-
धोड़े की हड्डियों के साक्ष्य
दैमाबाद (महाराष्ट्र):-
धातु का रख मिलता है।
सिंधु धाती सभ्यता के पतन के कारण :-
(1) मार्टीमर व्हिकर गार्डन & चाइल्ड
आर्यों का आक्रमन :-
(2) सर जॉन & मार्सलबाढ़ के कारण :-
(3)अमलानन्द धोष
अलवायु परिवर्तन के कारण :-
(4)सर जॉन मार्शल
प्रशासनिक सिशिलिटी (failure) विफलता
लैमार्क व अन्य :-
सिन्धु नदी के मार्ग परिवर्तन के कारण
निष्कर्ष:-
इतना विशाल सभ्यता का पता किसी कारण से हो सकता है। इसके पतन के लिए कई कारण उत्तरदायी रहें होंगे !
ये लास्ट पार्ट है सिंधु घाटी सभ्यता की दोस्तों शुरू से लेकर अंत तक जरूर पढ़ें। ताकि आपको वेहतर जानकारी मिल सकें।
लोथल:-
गुजरात में भोगवा नदी के किनारे
खोजकर्ता :-
रंगाव राव
यह एक व्यापारिक नगर था। !
यहाँ से एक गोदिवारड़ा (डॉकयार्ड) मिलता है!
यह सिन्धु सभ्यता की सबसे बड़ी कृति है!
मनके बनाने का कारखाना !
यहाँ से फारस की मुहर प्राप्त होता है।
चावल के साक्ष्य मिलते थे !
घरों के दरवाजे मुख्य सड़क पर खुलते थे!
चक्की के दोनों पाट मिलते हैं!
धोलावीरा :-
स्थिति :-
गुजरात
खोजकर्ता :-
रवीन्द्र सिंह बिष्ठ
यह किसी नदी के किनारे नहीं है!
यह नगर 3 भागों में बँटा हुआ है !
(1 ) पूर्वी (2 ) मध्य (3 ) पश्चिमी
यहाँ से 16 कृत्रिम जलाशयों की साक्ष्य मिलतते है!
यहाँ पर 8 स्टेडियम मिलता है!
सूचना पट्ट मिलता है। (पॉलिस युक्त बोर्ड )
पुन्हुदडो :-
स्थिति :-
पाकिस्तान
यह एक औधोगिक नगरी थी !
दिमाग बनाने में कारखाने मिलते हैं!
बिल्ली का पीछा करते हुए कुल्ले का साक्ष्य !
खोजकर्ता :-
N.G. मजूमदार (डाकुओं ने उनकी हत्या कर दी थी!)
सुरकोटड़ा /सुरकोटदा (गुजरात ):-
धोड़े की हड्डियों के साक्ष्य
दैमाबाद (महाराष्ट्र):-
धातु का रख मिलता है।
सिंधु धाटी सभ्यता के पतन के कारण :-
(1 ) मार्टीमर व्हिकर &गार्डन चाइल्ड
आर्यों का आक्रमन
(2 )सर जॉन मार्शल & मैके
बाढ़ के कारण
(3)अमलानन्द धोष
अलवायु परिवर्तन के कारण
(4)सर जॉन मार्शल
प्रशासनिक सिशिलिटी (failure) विफलता
लैम्लिर्क व अन्य :-
सिन्धु नदी के मार्ग परिवर्तन के कारण
निष्कर्ष:-
इतना विशाल सभ्यता का पता किसी कारण से हो सकता है। इसके पतन के लिए कई कारण उत्तरदायी रहें होंगे !
गाइज हमने सिंधु घाटी/ हड़प्पा सभ्यता का लास्ट दूसरा पार्ट के बारे जानकारी दिया हूँ ! यह इनफार्मेशन आप लोगों के साथ शेयर किया हूँ ! अगर यह आर्टिकल आपको अच्छा लगे, तो इसे आप सोशल मिडिया और अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें ! ताकि उसे भी सिंधु घाटी/ हड़प्पा सभ्यता का लास्ट दूसरा पार्ट की जानकारी प्राप्त हो सकें ! यह आर्टिकल आपको कैसा लगा आप कॉमेंट जरूर करें, इस आर्टिकल से सम्बंधित कोई भी सवाल (प्रश्न) है, तो आप कॉमेंट में पूछ सकते हैं, या इससे सम्बंधित कोइ सुझाव है, तो आप हमें कॉमेंट या मेल कर सकते हैं !
WRITTEN BY DK EDUCATUION
1 Comments
बेस्ट a
ReplyDeleteरोचक तथा ज्ञानवर्धक आर्टिकल पढ़ने के लिए क्लिक करें